Radhe Radhe !
Kripaluji Maharaj ki Jai !
Jagadguru Kripalu Parishat ki Jai!
हमारे अन्दर दुर्भावना पनपने का मुख्य कारण है – स्वयं की दूसरे से तुलना करना और अपने आपको अच्छे होने का सर्टिफिकेट दे डालना । यही दुर्भावना साधना करने पर भी हमें आगे नहीं बढ़ने देती । सब जगह हम दूसरों के प्रति छोटी भावना कर लेते हैं। तुच्छ भावना ! हमें इससे बचना चाहिए । हम अल्पज्ञ यह नहीं जान सकते की हम सही हैं या नहीं । हम में यह क्षमता ही कहाँ ?
जगद्गुरुत्तम श्री कृपालुजी महाराज