महापद्म द्वारा उन्मूलित प्रमुख राजवंशों में 'हैहय', जिसकी राजधानी महिष्मती (माहिष्मति) थी, का भी नाम है। पौराणिक कथाओं में माहिष्मती को हैहयवंशीय कार्तवीर्य अर्जुन अथवा सहस्त्रबाहु की राजधानी बताया गया है।हैहय पुराणों में वर्णित भारत का एक प्राचीन राजवंश था। हरिवंश पुराण के अनुसार हैहय, सहस्राजित का पौत्र तथा यदु का प्रपौत्र था।
श्रीमद्भागवत महापुराण के नवम स्कंध में इस वंश के अधिपति के रूप में अर्जुन का उल्लेख किया गया है।
पुराणों में हैहय वंश का इतिहास चंद्रदेव की तेईसवी पीढ़ी में उत्पन्न वीतिहोत्र के समय तक पाया जाता है। श्रीमद्भागवत के अनुसार ब्रह्मा की बारहवी पीढ़ी में हैहय का जन्म हुआ। हरिवंश पुराण के अनुसार ग्यारहवी पीढ़ी में हैहय तीन भाई थे जिनमें हैहय सबसे छोटे भाई थे। हैहय के शेष दो भाई-महाहय एवं वेणुहय थे जिन्होंने अपने-अपने नये वंशो की परंपरा स्थापित की। हैहयवंश के सर्वाधिक सम्माननिय राजा सहस्त्रार्जुन जी महाराज हैं । जिनके विषय मे रामायण के लंका कांड में हनुमान रावण संवाद और अंगद रावण संवाद में उल्लेख है कि उन्होंने रावण के साथ युद्ध मे रावण को परास्त किया था । सहस्रजीत यदु का सबसे बड़ा पुत्र था, जिसके वंशज हैहयस थे। कार्तवीर्य अर्जुन के बाद, उनके पौत्र तल्जंघा और उनके पुत्र, वित्रोत्र ने अयोध्या पर कब्जा कर लिया था।
उत्तर भारत से नागरी लिपि के ढेरों लेख मिलते हैं। इनमें गुहिलवंशी, चाहमान (चौहान) वंशी, राष्ट्रकूट, चालुक्य (सोलंकी), परमार, चंदेलवंशी, हैहय (कलचुरी) आदि राजाओं के नागरी लिपि में लिखे हुए दानपत्र तथा शिलालेख प्रसिद्ध हैं।
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June 15, 2024 | 41 | +1 | +2.5% |
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November 02, 2023 | 40 | 0 | 0.0% |
October 03, 2023 | 40 | 0 | 0.0% |
September 03, 2023 | 40 | 0 | 0.0% |
August 06, 2023 | 40 | +1 | +2.6% |
July 05, 2023 | 39 | -1 | -2.5% |
April 09, 2023 | 40 | 0 | 0.0% |
March 14, 2023 | 40 | 0 | 0.0% |
December 27, 2022 | 40 | -2 | -4.8% |
September 29, 2022 | 42 | -1 | -2.4% |
April 01, 2022 | 43 | +1 | +2.4% |
March 10, 2022 | 42 | +3 | +7.7% |
November 20, 2021 | 39 | +6 | +18.2% |
November 07, 2021 | 33 | +1 | +3.2% |