भग्य र समयले ठगेरके भयो त
संघर्स गर्न शरीर र सपना देख्ने यी आँखा अझै कहाँ मरेको छन् र
यात्री हु यात्रा मै रमाउछु.... परिचित छैन म सबै संग त्यसैले आफ्नै साथमा रमाउछु...... 🇳🇵
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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November 12, 2023 | 68 | -1 | -1.5% |
October 14, 2022 | 69 | -1 | -1.5% |
August 17, 2022 | 70 | -1 | -1.5% |
June 04, 2022 | 71 | -3 | -4.1% |
March 20, 2022 | 74 | -4 | -5.2% |
January 22, 2022 | 78 | -3 | -3.8% |
December 15, 2021 | 81 | +9 | +12.5% |