जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।।
दीन कहे धनवान सुखी,
धनवान कहे सुख राजा को भारी।
राजा कहे महाराजा सुखी,
महाराजा कहे सुख इंद्र को भारी।।
इंद्र कहे सुख चतुरानन को,
ब्रह्मा कहे सुख शंकर को भारी,
तुलसीदास विचार यही,
हरि भजन बिना सब जीव दुखारी।।
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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September 09, 2023 | 42 | +5 | +13.6% |
January 30, 2023 | 37 | +1 | +2.8% |
September 30, 2022 | 36 | -1 | -2.8% |
August 09, 2022 | 37 | -1 | -2.7% |
July 03, 2022 | 38 | -1 | -2.6% |
May 27, 2022 | 39 | -1 | -2.5% |
April 19, 2022 | 40 | -2 | -4.8% |
March 11, 2022 | 42 | -2 | -4.6% |
January 13, 2022 | 44 | +1 | +2.4% |
December 06, 2021 | 43 | +2 | +4.9% |