कभी खयाल कभी कविता कभी कुछ यूं ही लिख लेता हूं।
खयालातों को शब्दों में कभी कभी मैं पिरो लेता हूं।।❣️
Kanha over everyone😌🧿
🍁राधे राधे🍁
🎂08 september
Banking aspirant
|25|🇮🇳|UP44
किस्से कहानियां और कविताएं लिखने वाला|
साहित्यिक पुस्तकों में फंसा विज्ञान का अदना सा विद्यार्थी|
कृष्णम सर्वम् मम्
"कान्हा तुम हर पल अब वृंदावन कुंजों और तमालों में हो...
अब तो आ जाओ वही सुंदर चितवन लिए यमुना के तीर,
जहां तुम आज भी ग्वाल- बालों में हो"
"तिरी याद को कुछ इस तरह संभाल रखा है...
जैसे पिछली साल की होली का गुलाल रखा है"
" मुस्कुराओ कि उदास होने मे क्या रखा है
इसी मुस्कुराहट ने तो इन सांसों को बचा रखा है"
"इश्क लिखना इश्क करने जितना आसान कहां हो पाता है
किसी को चाहो और चाहत मुकम्मल हो ऐसा भी हर दफा कहां हो पाता है
ये इश्क मोहब्बत प्यार ये सब सब्र की बात है
हर दफा इसमें डूब के पार पा ही जाओ ऐसा भी हर दफा कहां हो पाता है"
"किसी की याद में हंसीं इक रात हो जाए
चांदनी उस रात में अचानक मुलाकात हो जाए
ना बात हो कुछ उस तरफ से ना मुझे कुछ कहना पड़े
और आंखों की आंखों से सारी बात हो जाए"
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August 30, 2022 | 10 | -1 | -9.1% |
July 24, 2022 | 11 | +1 | +10.0% |
June 17, 2022 | 10 | +1 | +11.2% |
May 11, 2022 | 9 | +1 | +12.5% |
April 02, 2022 | 8 | +1 | +14.3% |
February 04, 2022 | 7 | +3 | +75.0% |
December 28, 2021 | 4 | +1 | +33.4% |