Journalist
I read, write, think, recite and love to connect with people.
यहाँ सन्नाटा,
कई रूप ले के जन्मा है!
कभी इसे छू लेती हूँ
कभी पढ़ा तो
कभी गा लिया..
कभी बजा सरगम में,
सितार के तारों में...
कभी तानपुरे के एक लय सा
तो कभी कोई जानी-पहचानी धुन सा
कभी एक कहानी सुनाता हुआ
कभी रंगों की ढेर सारी पेन्सिल्स
कभी एक कोरे कैनवास सा
कभी एक मुस्कराहट सा
कभी एक सफ़ेद साड़ी की तरह सादा
कभी एक आधी छोड़ी किताब सा
कभी एक बड़ी खबर सा...
कभी चाय की खुश्बू सा
कभी किसी अनजान दोस्त सा,
कभी कई सवालों सा
कभी हर सवाल का जवाब!
कभी ज़िदादिल
कभी मरा हुआ
कभी एक सूखे पेड़ सा
कभी नए खिले रंगीन फुल सा
कभी गहेरे अँधेरे सा
कभी टपकती पानी की बूंद सा
कभी लहलहाते खेत सा
कभी भूखे पेट सा
कभी गहेरे कोहरे सा
कभी लाल लाल लहू सा
कभी काजल लगी आँखों सा...
कभी सूरज की सुनहरी किरन सा
यहाँ सन्नाटा,
कई रूप ले के जन्मा है! © मयुरीका माया
Invited by: Jeet Dholakia
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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November 10, 2023 | 876 | +29 | +3.5% |
January 15, 2023 | 847 | +1 | +0.2% |
September 26, 2022 | 846 | +6 | +0.8% |
August 06, 2022 | 840 | +2 | +0.3% |
June 30, 2022 | 838 | -29 | -3.4% |
May 24, 2022 | 867 | +10 | +1.2% |
April 16, 2022 | 857 | +11 | +1.4% |
March 08, 2022 | 846 | +10 | +1.2% |
January 10, 2022 | 836 | +17 | +2.1% |
December 04, 2021 | 819 | +8 | +1.0% |