किशोर मन मेरा तू कब होगा जवां
दिल की हर बात लभों से होती नही बयां
किशोर मन मारो, तू कद होवेलो जवां
दिल री बात होठा सु कोनी हो सके बयां
काश उनसु एक बार रस्ता में हो जावे मिलनों
मन: मुंडो मोड़ है निकालनो
काश उनसु एक बार रस्ता में हो जावे मिलनों
शायद उन्को रह गियाे होवे कोई उल्हानों
उड़न दो पंछियां न खुल्लो, आसमान म
जो थारा ह किशोर, बे पाछा आ जावेला
मेरी चाहत को ना कहो एक तरफा
ये तो इबादत एक खुदा की, सी है
मांग कर शर्मिंदा करता हूं उसे अक्सर
मेरी जरूरतों की जिसे, मुझसे ज्यादा है खबर
नींद तो एक दिन सबको आनी है,
रोज़ तो सोने का बहाना भर है,
मंदिर मस्जिद बैर बढ़ाते,
प्रेम बढ़ाते पाठशाला
सागर किनारे शिव पूज, कैसे पा ली जगत की बुराइयों पर विजय।
मुझे अपनी बुराइयों को दूर करने का,
जस्ट करने को अभिनय,
आपका मंदिर चाहिए भव्य ।।