समाज र आफन्त को तिरस्कार ले थिचिएको मेरो जिवन मा सधै साथ दिने स्वयम् मेरो अगाडी उभिएको मेरो प्रतिबिम्ब ले खै किन हो आज उनिहरुलाइ साथ दिदै मलाइ उल्झन को गोरेटो मा म को हु?? भन्ने प्रश्न को साथ उभाइदिएको छ; सायद उत्तर नभएर होला आज खुला आकाश को छहारि मा लाखौ को बिच मा पनि एक्लो महसुस हुदैछ।।।✊
if the data has not been changed, no new rows will appear.
Day | Followers | Gain | % Gain |
---|---|---|---|
October 28, 2023 | 69 | -3 | -4.2% |
October 27, 2022 | 72 | -1 | -1.4% |
August 24, 2022 | 73 | -3 | -4.0% |
June 11, 2022 | 76 | -6 | -7.4% |
May 04, 2022 | 82 | -1 | -1.3% |
March 27, 2022 | 83 | +1 | +1.3% |
January 28, 2022 | 82 | -2 | -2.4% |
December 21, 2021 | 84 | -2 | -2.4% |