साहित्य पढ़ना, सुनना और सुनाना बेहद पसंद है। सपने देखती हूँ, उनमें जीती हूँ और उन्हें पूरा होते देखना भी किसी सपने से कम नहीं होता। संवाद हमेशा से आकर्षित करते हैं और मैं अक्सर आवाज़ में आत्मा को खोजती हूँ ❤️❤️
Literature lover | Voice Artist | Conversationalist | Storyteller
*ख़ुद से मिलने की फ़ुर्सत किसे थी*
अपनी पिंदार की किर्चियाँ
चुन सकूँगी
शिकस्ता उड़ानों के टूटे हुए पर समेटूँगी
तुझ को बदन की इजाज़त से रुख़्सत करूँगी
कभी अपने बारे में इतनी ख़बर ही न रक्खी थी
वर्ना बिछड़ने की ये रस्म कब की अदा हो चुकी होती
मिरा हौसला
अपने दिल पर बहुत क़ब्ल ही मुन्कशिफ़ हो गया होता
लेकिन यहाँ
ख़ुद से मिलने की फ़ुर्सत किसे थी!
~ परवीन शाकिर
Almora | Harchandpur | Naraingarh | Dehradun | Chandigarh | Delhi NCR | Mumbai
Invited by: Anutosh Pandey
if the data has not been changed, no new rows will appear.
Day | Followers | Gain | % Gain |
---|---|---|---|
June 08, 2024 | 1,180 | -1 | -0.1% |
May 05, 2024 | 1,181 | +1 | +0.1% |
March 22, 2024 | 1,180 | +1 | +0.1% |
December 23, 2023 | 1,179 | +2 | +0.2% |
November 02, 2023 | 1,177 | -23 | -2.0% |
February 05, 2022 | 1,200 | +100 | +9.1% |
September 22, 2021 | 1,100 | +1,030 | +1,471.5% |