🇮🇳❤️
बिखरे हुवे थे फूल सारे,
समेट कर इन्हें गुलदस्ता बना दिया
खानाबदोश सी थी ज़िन्दगी मेरी
तूने थाम कर हाथ आशियाना बना दिया।
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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January 26, 2024 | 32 | +2 | +6.7% |
July 11, 2022 | 30 | -1 | -3.3% |
January 21, 2022 | 31 | +1 | +3.4% |