जीने का तजुर्बा खुदसे खुदको आजमा लेगा,
तू चल डगर तुझको एक दिन फिर पा ही लेगा,
Founder- THINKINKSOUL (साहित्य परिवार)
Comedian/writer/Artist/Poet/voice artist/content writer/learner/readar/book reviewer/podcaster/storyteller/
(Jai hind Jai bharat🇮🇳)
इंकलाब जिंदाबाद🔥
सत्यमेव जयते 💯
अपनी ही गुजरती जिंदगी का सार हूँ मैं,
अगर समझो तो 'अनमोल' हूँ अनयथा अंगार हूँ मैं,
मिटा नहीं कोशिश हजार की लोगो ने,
माँ का आशीष लिए पिता का सम्मान हूँ मैं,
मिट्टी का पुतला हूँ मिट्टी में मिलना है मुझे,
बेतहाशा हर दिल में बेशक खिलना है मुझे,
हिंदुत्व रक्षक डमरू की पुकार हूँ मैं,
मातृ हिंदी का अलंकार हूँ मैं,
साहित्य को राग में लिए संगीत का श्रृंगार हूँ मैं,
बंसी की मधुर ध्वनि सुदर्शन की ललकार हूँ मैं,
वीणा के रिदम का सार हूँ मैं,
पुष्पित हूँ गुरु के चरणों में,
मित्रों की मर्यादित वास्तविकता का आधार हूँ मैं,
हॄदय से स्व-स्वप्न सँजो दूँ उसी स्वप्न रक्षा का यलगार हूँ मैं,
कलम मेरा शस्त्र स्याही का परम यार हूँ मैं,
छोटा बेटा हूँ हिंदी माँ का परिचय से अजय पोद्दार हूँ मैं,
सचेत प्रेम का सीधा सादा सा जीर्णोद्धार हूँ मैं,
©अजय पोद्दार 'अनमोल'
Anmolnishan.wordpress.com