Ambivert 🦋
साम दाम दंड भेद सूत्र मेरे नाम का
गंगा माँ का लाडला मै खामखां बदनाम था
कौरवो से हो के भी कोई कर्ण को ना भूलेगा
जाना जिसने मेरा दुख वो कर्ण कर्ण बोलेगा
भास्कर पिता मेरे ,हर किरण मेरा स्वर्ण है
वर्ण में अशोक मै,तु तो खाली पर्ण है
कुरुक्षेत्र की उस मिट्टी में,मेरा भी लहू जीर्ण है
देख छानके उस मिट्टी को कण कण में कर्ण है...
if the data has not been changed, no new rows will appear.
Day | Followers | Gain | % Gain |
---|---|---|---|
February 13, 2024 | 1,379 | +3 | +0.3% |
January 27, 2024 | 1,376 | +72 | +5.6% |
January 10, 2024 | 1,304 | +60 | +4.9% |
December 25, 2023 | 1,244 | +183 | +17.3% |
December 10, 2023 | 1,061 | +1,022 | +2,620.6% |