भारतीयता और अपनापन
ग़म की बदली में चमकता एक सितारा है
आज अपना हो न हो पर कल हमारा है
धमकी ग़ैरों की नहीं अपना सहारा है
आज अपना हो न हो पर कल हमारा है
ग़र्दिशों से से हारकर ओ बैठने वाले
तुझको ख़बर क्या अपने पैरों में भी छाले हैं
पर नहीं रुकते कि मंज़िल ने पुकारा है
आज अपना हो न हो पर कल हमारा है
ये क़दम ऐसे जो सागर पाट देते हैं
ये वो धाराएँ हैं जो पर्वत काट देते हैं
स्वर्ग उन हाथों ने धरती पर उतारा है
आज अपना हो न हो पर कल हमारा है
सच है डूबा-सा है दिल जब तक अन्धेरा है
इस रात के उस पार लेकिन फिर सवेरा है
हर समन्दर का कहीं पर तो किनारा है
आज अपना हो न हो पर कल हमारा है
~ शैलेंद्र
Day | Members | Gain | % Gain |
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June 12, 2024 | 177 | 0 | 0.0% |
March 13, 2024 | 177 | 0 | 0.0% |
January 23, 2024 | 177 | 0 | 0.0% |
December 09, 2023 | 177 | 0 | 0.0% |
November 01, 2023 | 177 | 0 | 0.0% |
October 02, 2023 | 177 | 0 | 0.0% |
September 02, 2023 | 177 | 0 | 0.0% |
August 05, 2023 | 177 | 0 | 0.0% |
July 04, 2023 | 177 | -4 | -2.3% |
April 08, 2023 | 181 | 0 | 0.0% |
March 13, 2023 | 181 | 0 | 0.0% |
August 12, 2022 | 181 | -1 | -0.6% |
June 28, 2022 | 182 | +1 | +0.6% |
May 06, 2022 | 181 | +1 | +0.6% |
April 22, 2022 | 180 | +1 | +0.6% |
March 17, 2022 | 179 | -5 | -2.8% |
March 10, 2022 | 184 | +1 | +0.6% |
November 19, 2021 | 183 | +1 | +0.6% |
November 11, 2021 | 182 | +60 | +49.2% |