भोपाल की पटियेबाजी में मस्ती थी, शोर शराबा था, याराना था, अपनापन था, हर समय जागता रहने वाला मद्धम उजाला था। शहर के पूरे मिजाज का अक्स उसमें नज़र आता था। पटिये किसी जमाने में भोपाल की पहचान भी थे और दिलचस्पी का सामान भी। वहां बैठने वाले अलग-अलग तबकों के लोग होते थे। अलग-अलग समूहों के अलग-अलग पटिये भी थे। उसी पटियेबाजी को हम क्लब हाउस पर आबाद करने की कोशिश कर रहे हैं…
धर्म,जाति,संप्रदाय,नस्ल,लिंग आदि के आधार पर घृणा फैलाने वाली बात न करें:
धर्म,जाति,संप्रदाय,नस्ल,लिंग आदि के आधार पर घृणा फैलाने वाली बात न करें
Day | Members | Gain | % Gain |
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May 18, 2024 | 20 | -1 | -4.8% |
February 25, 2024 | 21 | 0 | 0.0% |
January 11, 2024 | 21 | 0 | 0.0% |
November 27, 2023 | 21 | 0 | 0.0% |
October 24, 2023 | 21 | 0 | 0.0% |
September 24, 2023 | 21 | 0 | 0.0% |
August 25, 2023 | 21 | 0 | 0.0% |
July 23, 2023 | 21 | 0 | 0.0% |
June 27, 2023 | 21 | -4 | -16.0% |
March 24, 2023 | 25 | 0 | 0.0% |
March 08, 2023 | 25 | 0 | 0.0% |
July 15, 2022 | 25 | +1 | +4.2% |
June 19, 2022 | 24 | -1 | -4.0% |
February 21, 2022 | 25 | +1 | +4.2% |