بر روی بام زندگی، هر چیز می خواهی بکش
آزاد شو از بند خویش، زنجیر را باور نکن
اکنون زمان زندگیست، تاخیر را باور نکن
حرف از هیاهو کم بزن، از آشتی ها دم بزن
از دشمنی پرهیز کـن، شمشیر را باور نکـن
خود را ضعیف و کم ندان، تنها در این عالم ندان
تو شـــاهکـار خلــقتی، تحــــقیر را بــاور نکـــن
بر روی بام زندگی، هر چیز می خواهی بکش
زیبا و زشتش پای توست، تقــدیر را باور نکــن
تصویر اگر زیبا نبود، نقاش خوبی نیستی
از نو دوباره رســم کن، تصویر را باور نکن
خالق تو را شاد آفرید، آزاد آزاد آفرید
پرواز کـــن تا آرزو، زنجیر را باور نکن
Day | Members | Gain | % Gain |
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August 29, 2022 | 1,200 | +1,056 | +733.4% |
August 16, 2022 | 144 | -4 | -2.8% |
August 03, 2022 | 148 | -1 | -0.7% |
July 08, 2022 | 149 | +1 | +0.7% |
July 01, 2022 | 148 | -1 | -0.7% |
June 25, 2022 | 149 | -4 | -2.7% |
June 18, 2022 | 153 | -1 | -0.7% |
June 12, 2022 | 154 | -1 | -0.7% |
May 29, 2022 | 155 | +2 | +1.4% |
May 23, 2022 | 153 | +3 | +2.0% |
May 16, 2022 | 150 | +5 | +3.5% |
May 09, 2022 | 145 | +5 | +3.6% |
May 02, 2022 | 140 | +6 | +4.5% |
April 25, 2022 | 134 | +13 | +10.8% |
April 18, 2022 | 121 | +2 | +1.7% |
March 29, 2022 | 119 | +7 | +6.3% |
March 21, 2022 | 112 | +2 | +1.9% |
March 14, 2022 | 110 | +7 | +6.8% |
February 17, 2022 | 103 | +83 | +415.1% |