विरह लिखा जाता है, प्रेम लिख जाता है, वेदना लिखी जाती है, तो रतिशास्त्र क्यों नहीं?
इन्सानी रूह , इश्क़ के एहसास में अक्सर फिसल जाती है और यह फिसलन ही उसे कामुकता तक लेे जाती है।
शृङ्गार रस की पावन दुनिया में स्वागत है।
Day | Members | Gain | % Gain |
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July 13, 2024 | 33 | 0 | 0.0% |
April 17, 2024 | 33 | 0 | 0.0% |
February 09, 2024 | 33 | 0 | 0.0% |
December 25, 2023 | 33 | 0 | 0.0% |
November 12, 2023 | 33 | 0 | 0.0% |
October 13, 2023 | 33 | 0 | 0.0% |
September 13, 2023 | 33 | 0 | 0.0% |