ब्रह्म ने ही ब्रह्मा,विष्णु एवं रूद्र रूप लिया है। अतः 'अहं ब्रह्मास्मि' की सिद्धि के लिए स्वधर्म द्वारा स्वयं मे पहले ब्रह्मा, विष्णु एवं रूद्र की पूर्णता अनिवार्य है|