#कट्टर सनातनी #बैरागी🚩🚩
लाख चाहे बांधों तुम जंजीर से,
वक्त पर फिर भी निकलेंगे हम तीर से।
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सेक्युलर हो तो इसका अर्थ पता करो ओर अगर फिर भी हिन्दू-मुस्लिम भाई भाई कहते हो तो भविष्य में स्वयं की माताओं ओर बहनों के बलात्कार के लिए तैयार रहो, इस्लामिक गुलाम बनोगे ये तय है:= "दुख्तरे हिन्दोस्तां, नीलाम ए दो-दो दीनार"
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मैं बुरे कर्म करने का ख़ौफ़ रखता हूँ, अच्छे कर्म की राह पर कदम बेख़ौफ़ रखता हूँ, यक़ीन है परमात्मा खुश होंगे मुझसे, मैं जरूरतमंदों की सेवा करने का शौक़ रखता हूँ🙏🏻
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हिन्दू संस्कृति के रूप में मैं एक ऐसे धर्म से सम्बन्ध रखता हूँ जो सनातन धर्म दुनिया का ऐसा एकमात्र प्रमुख धर्म है जो ‘एकमात्र सच्चा धर्म’ होने का दावा नहीं करता। मैं जब दूसरे धर्मों के लोगों से मिलता हूँ तो इस भार से पूरी तरह मुक्त होता हूँ कि मैं एक ‘सच्चे रास्ते’ पर चल रहा हूँ, जिससे वे सब भटक गये हैं। यह कट्टर ‘सिद्धान्त’ सभी सामी धर्मों, ईसाइयत, इस्लाम और जूदाइज़्म की जड़ों में मौजूद है। बाइबल में कहा गया है—मैं मार्ग हूँ, सत्य हूँ और जीवन हूँ; कोई भी मनुष्य पिता (ईश्वर) तक मेरे बग़ैर नहीं पहुँच सकता। (जॉन, 14, 6)। इसी तरह, क़ुरान के अनुसार, ‘अल्लाह के अलावा और कोई ख़ुदा नहीं है और मोहम्मद उसके पैगम्बर हैं।’ इसका अर्थ यह हुआ कि जो इन धर्मों को नहीं मानते उनके लिए पाप-मुक्ति की कोई सम्भावना ही नहीं है, सद्गति या स्वर्ग में जगह तो दूर की बात। हिन्दूवाद के अनुसार, ईश्वर-भक्ति के सभी रास्ते समान रूप से वैध हैं। इसलिए हिन्दू दूसरे धर्मों के सन्तों-फकीरों और धार्मिक प्रतीकों को भी पूजने से संकोच नहीं करते। मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं अपने धर्म के प्रति अनिष्ठा की भावना महसूस किये बिना दूसरे धर्मों का भी उतना ही सम्मान कर सकता हूँ।