ज्ञानी कहो या मुर्ख कहों या कहो चांडाल,
धर्म के पथ पर चला हूँ और साथ है महाकाल,
बस आईना दिखाता हूँ और पूछता चंद सवाल,
दे सको तो उत्तर दो पर ना करों बेवजह बवाल,
शांत हूँ पर चित्त में सजा रखा, व्यंग्य वेदनाओं के थाल,
मैं प्रश्न रखूँ तो ये ना कहों कि बस ये है मेरा ख्याल,
जो सत्य से है मुँह छिपाते वो अपराधों के दलाल,
ज्ञानी कहो या मुर्ख कहों या कहो चांडाल!
रोहित मौर्य (असभ्य इंसान)
***कृप्या 10 बजे के बाद हमे जाने की अनुमति दी जाये और सुबह हम आने से रहे नहीं***
****** आवश्यक सूचना ****कृपया हमे मेरे चेहरे से "follow" ना करे अगर लगे कि कुछ सही और उम्दा सुनाया तो..... Follow कर सकते हैं! 😊😊🙏🙏
Basically I am research student in German studies(CUG)
Profession : to teach German language and give Athletics instructions (in running events: 400 mt, 4*400*mt, 5-km to 10 km)
Hobbies : Gedicht schreiben(auf Deutsch und Hindi)(write a poem in German and hindi), Athletic, Cricket spielen. Deutsche und indische Romane lesen( read a German and Indian hindi novels)