A marketer|Blogger|poet|Rationalism| 🇮🇳|
तेरा भी कोई चरित्र होगा, उसका भी एक वर्णन होगा,
कहीं अभिमान तो नहीं तुझे, तेरे चरित्र पर,
कहीं तू भी कृष्ण जैसा बहुरूपी तो नहीं,
उसने अपनी लीला रच महाभारत दिखायी,
तूने तो लोगों में मनमुटाव फैलायी।
ये "रोहण" नहीं पूरी दुनिया कहती तुझको,
तू कड़वा, बेरंग, और अदृश्य है।
फिर भी मैं तुझसे मिलना चाहता हूँ,
तुझको देखना चाहता हूँ,
सत्य, कहाँ है तेरा आसरा?
- रोहित रोहण