मेरे खाली हाथ।
(1)
जीवन की अंधेरी रातो मे हम चांद सितारे पा ना सके।
उम्मीदो के दीपक भुजने लगे, एक लौ भी हम जला ना सके।
तब (जवानी में)रात सुहानी होती थी, हर रात चरागे करते थे।
फिर वक़्त के चक्कर चलने लगे और लौट के वो दिन आ ना सके।
हाथो की लकीरों की मानिंद, ये जिंदगी की राह बदलती है।
उसको(💘) जिस राह मे छोड़ा था उस राह को हम फिर पा ना सके।
नाकामि-ये किस्मत क्या कहिये, दिल भटका हे दर-दर कँहा कँहा।
गैरो को सहारा देते रहे, खुदको ही सहारा पा ना सके।🙏🙏
(2)
चांद आंहे भरेगा,फूल दिल ठाम लेंगे।
हुश्न की बात चली तो सब तेरा नाम लेंगें।
ऐसा दिलकश है चेहरा।जैसे रोशन शवेरा,जिस जगाह तू नही है,उस जगाह है अंधेरा।
कैसे फिर चैन तुझ बिन तेरे बदनाम लेंगे,हुश्न की बात चली तो सब तेरा नाम लेंगे।
आँख नाजुक सी कलिया, बात मिश्री की दलिया,
होठ गंगा के साहिल।जुल्फ जन्नत की गलियां।
तेरे खातिर फरिश्ते सर पे इल्ज़ाम लेंगे, हुश्न की बात चली तो सब तेरा नाम लेंगे।
चुप न होंगी हवा भी।कुछ कहेगी घटा भी।
और मुमकिन हे तेरा,ज़िक्र कर दे खुदा भी।
फिर तो पत्थर ही शायद ज़ब्त से काम लेंगे।हुश्न की बात चली तो सब तेरा नाम लेंगे।
(3)
जाने कैसे शब ढली,जाने कैसे दिल खिला।जाने कैसे कब कँहा चल पड़ा ये सिलसिला।
मेरी आँखों को ये कैसा मन्ज़र मिला,तेरे हर नक्श में बस खुदा ही खुद।
तेरा चहेरा सनम एक रुबाई सी है,मेरे दिल जिस्मो जां पे तू छाई सी है।
तेरा चहेरा सनम एक रुबाई सी है, मेरे दिल जिस्मो जां पे तू छाई सी है।
बेताबियों के शामो सहेर से ना था मैं वाकिफ दर्दे जिगर से।
गुज़रा नही था मैं तो कभी भी, प्यार की दिलकश राहेगुजर से।
दीवानगी की ये इन्तेहा है।हर चहेरे में चहेरा तेरा।
सारि दुनिया तेरी परछाई सी है,मेरे दिल जिशमो जां पे तू छाई सी है।
तेरा चहेरा सनम एक रुबाई सी है,मेरे दिल जिस्मो जां पे तू छाई सी है।
तेरी कशिश का जादू अजब है।हर वक़्त मुझको तेरी तलब है।
युन्ह ही नही मैं बेषुद्ध हुवा हूँ, इस प्यास का तो कोई सबब है।
तेरे शिवा ना अब कोई अरमां।
अब ज़िन्दगी है तुज़से मेरी।
बिन तेरे हर जगह तन्हाई सी है।
मेरे दिल जिश्मो जां पे तू छाई सी है।
तेरा चहेरा सनम एक रुबाई सी है मेरे दिल जिश्मो जां पे तू छै सी है।