पल पल प्रतिपल वो कहती
चल निर्झर है बहना तुझको ।
पीड़ा को आकंठ लगाकर
जीवन मंथन से पाना अमृत तुझको।
निज पथ निर्माण करना तुमको
कर्म फल को भाग्य फल से आगे ले जाना तुझको।
आत्मपरिचय देता मेरा अंतर्मन *मेरी प्रेरणा* बन
विधाता वाणी बन कहता*प्रेरणा* नाम को सार्थक करना तुझको।
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feelings/emotions in poetry/story/life.....
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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December 09, 2023 | 107 | +1 | +1.0% |
November 12, 2022 | 106 | -2 | -1.9% |
June 19, 2022 | 108 | -4 | -3.6% |
May 13, 2022 | 112 | +1 | +1.0% |
April 04, 2022 | 111 | +2 | +1.9% |
December 30, 2021 | 109 | -2 | -1.9% |