ग़लतियों की दीवार, आँसुओ की चादर से छुपाना ठीक नहीं!
ग़म कितना भी हो जाना, यूँ बाज़ार में शोर मचाना ठीक नहीं!
Invited by: Amritansh Sinha
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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July 21, 2023 | 25 | +1 | +4.2% |
June 20, 2022 | 24 | -2 | -7.7% |
May 14, 2022 | 26 | +1 | +4.0% |
February 07, 2022 | 25 | -1 | -3.9% |
September 09, 2021 | 26 | +21 | +420.0% |