कुँवर प्रज्जवल प्रताप सिंह चौहान
शौर्यं तेजो धृतिर्दाक्ष्यं युद्धे चाप्यपलायनम् ।
दानमीश्वरभावश्च क्षात्रं कर्म स्वभावजम् ॥
|| क्षत्रिय धर्म युगे: युगे: ||
राजपूती दीप हूं , जलता ही रहूंगा....
मैं प्रलय की आंधियों से अंत तक लड़ता ही रहूंगा।
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October 15, 2023 | 42 | +1 | +2.5% |
October 28, 2022 | 41 | -2 | -4.7% |
June 11, 2022 | 43 | -1 | -2.3% |
May 05, 2022 | 44 | -1 | -2.3% |