☠शेर का रुक्का अर Jaat का हुक्का, सबके 😎बसका ना होया करता। जालिम जमाना न सीखा दिए ये तेवर, ना त Jaat भी कदे सीधे होया करे थे। घर अधूरा खाट बिना, तराजू अधूरा बाट बिना, राजा अधूरा 😎ठाठ बिना, देश अधूरा जाट बिना। मगरमछ की पकड़ अर जाट की 😎अकड़ ठाडी होया करै।
if the data has not been changed, no new rows will appear.
Day | Followers | Gain | % Gain |
---|---|---|---|
June 16, 2024 | 9 | 0 | 0.0% |
July 13, 2023 | 9 | 0 | 0.0% |
April 21, 2022 | 9 | +1 | +12.5% |