बदन को अक्स तो दरिया सराब होते हुए मैं देखता हूं हक़ीक़त को ख़्वाब होते हुए ।। ख़ुदा न सोच कि पक्की है तेरी कारीगरी वगरना देख ये बंदा ख़राब होते हुए ।। निशांत Insta@ nishantchoudhary804