लड़की
ये लम्हे बादल हैं
गुज़र गए तो हाथ कभी नहीं आएँगे
इनके लम्स को पीती जा
क़तरा-क़तरा भीगती जा
भीगती जा तू जब तक इनमें नम है
और तेरे अन्दर की मिट्टी प्यासी है
मुझसे पूछ
कि बारिश को वापस आने का रास्ता कभी न याद हुआ
बाल सुखाने के मौसम अनपढ़ होते हैं🇮🇳
Invited by: Vineet Prakash
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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December 27, 2023 | 242 | +7 | +3.0% |
August 12, 2022 | 235 | +1 | +0.5% |
May 30, 2022 | 234 | -9 | -3.8% |
April 22, 2022 | 243 | -1 | -0.5% |
January 16, 2022 | 244 | +1 | +0.5% |
December 09, 2021 | 243 | +2 | +0.9% |
November 01, 2021 | 241 | +1 | +0.5% |
September 25, 2021 | 240 | +137 | +133.1% |