म मान्छे बनेरै सधैँ हिड्न पाऊँ
सबै सृष्टिको दृष्टिमा रम्न पाऊँ
म मान्छे कहाँ देवता स्वर्ग खोज्नु
म मेरै धरामा सधै जम्न पाऊँ!!
Poet , story writer, essyist
Child rights activist
Email: [email protected]
व्यङ्ग्य, छन्द कविता, नेपाली साहित्यमा कलम चलाउन, पढ्न, रुचाउने एउटा साधारण नागरिक।
प्रकाशित कृतिहरू:
१• मदन स्मृति महाकाव्य
२• बालसुलभ व्यवहार
३• जुँगे झाँक्रीको भूत (बाल कथा सङ्ग्रह)
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