✊🏽We have begun to learn and are rapidly learning to fight.
पूछ रहे हो क्या अभाव है
तन है केवल, प्राण कहाँ है ?
डूबा-डूबा सा अन्तर है
यह बिखरी-सी भाव लहर है,
अस्फुट मेरे स्वर हैं लेकिन
मेरे जीवन के गान कहाँ हैं ?
मेरी अभिलाषाएँ अनगिन
पूरी होंगी ? यही है कठिन,
जो ख़ुद ही पूरी हो जाएँ —
ऐसे ये अरमान कहाँ हैं ?
लाख परायों से परिचित है,
मेल-मोहब्बत का अभिनय है,
जिनके बिन जग सूना-सूना
मन के वे मेहमान कहाँ हैं ?
if the data has not been changed, no new rows will appear.
Day | Followers | Gain | % Gain |
---|---|---|---|
January 26, 2024 | 412 | +327 | +384.8% |