POETRY
IIT Delhi
वो कहां है, कोई तो जन्नत की खबर मिले,
कहीं तो रहता होगा, कोई तो शहर मिले!
मैं खोल रहा हूं उसके नाम पर इत्र की दुकान,
मुमकिन है मेरे लहज़े में उस का असर मिले!
किसी के हिस्से धरती, किसी के हिस्से पानी,
उसकी किस्मत ऐसी, सहरा में भी सजर मिले!
खोलो खिड़कियां, उठाओ पर्दे, आने दो नूर को,
मुसव्विर बुलाओ, उस की तस्वीर गर मिले!
उसके खाबों में थी खुशबू, जुनू में उड़ान,
सो उसे सबसे हट के तितलियों के पर मिले!
छा गई रौनक, खिल उठे गुलिस्तां उसके आने से,
जिस सम्त उड़े हैं भबरे, दिल शायद उधर मिले!
नजर मिली, हाथ उठे फिर मैने दुआ पढ़ी,
उसे उस से भी ज़्यादा खूबसूरत सफर मिले!!
__.devu ✍️
Invited by: Arpan Singh
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