असिना जस्तै क्षणमै बिलाउन, नआए हुन्छ ।
घृणारूपी प्रेमको झार जिलाउन, नआए हुन्छ ।।
तिम्रै कारण बारम्बार मरिसकेको मान्छे हुँ म ,
अब फेरि मृत्युजन्य रस पिलाउन, नआए हुन्छ ।।
महलमा पनि माया रुँदा रहेछन्।
दुई प्रेमी पनि एक्लो हुँदा रहेछन्।
यहाँ सधैं जहाजमा उड्नेहरु पनि
अन्तिम यात्रामा भुइँ नै छुँदा रहेछन्।
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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November 25, 2023 | 5 | 0 | 0.0% |
October 30, 2022 | 5 | +1 | +25.0% |
July 20, 2022 | 4 | -1 | -20.0% |
March 29, 2022 | 5 | +1 | +25.0% |
January 30, 2022 | 4 | +1 | +33.4% |