'र' (रोना) से आरंभ होकर 'आ' (आवागमन प्रत्येक वस्तु और भावनाओं का ) से होते हुए 'म' (मौन) तक पहुँचना ही संपूर्ण जीवन की यात्रा है। अतएव र+आ+म = "राम" का उच्चारण सदैव करते रहें, यही जीवन का सार है।