🇮🇳
📍Kota , Rajasthan
सिद्धांत वो है जो दिखता नहीं है
जो दिखता है वो द्रष्टांत है
हम द्रष्टांत से सिद्धांत तक जाते हैं
आचार्य गुरुदेव कहते हैं
हमें जीवन का निर्वाह नहीं जीवन का निर्माण करना आना चाहिए
ऐसे गुरुदेव जो अपने माता पिता भाई बहन और गुरु के भी गुरु बन गए
जिन्के अगर पे बड़े बाबा स्वयं विहार करके उच्चासन पे आ गए
अनेक तीर्थो को जीवन्त रहे हैं
शिक्षा के लिए प्रतिभास्थली
रोज़गार के लिए श्रमदान हथकरघा
चिकित्सा के लिए पूर्णायु
गऊ सेवा के लिए शांतिधारा अमृत
ये सब पूज्य गुरुदेव की देन है
धन्य है ऐसे गुरुदेव
अहिंसा परमो धर्म:
वंदे विद्यासागरम्