شیراز
چقدر ثانیه ها نامردند
گفته بودند که بر می گردند
برنگشتند و پس از رفتنشان
بی جهت عقربه ها می گردند
آه این ثانیه های نامرد
چه بلایی به سرم آوردند
نه به چشمم افقی بخشیدند
نه ز بغضم گره ای وا کردند
از چه رو سبز بنامم به دروغ
لحظه هایی که یکایک زردند
لحظه ها همهمه هایی موهوم
لحظه ها فاصله هایی سردند
آه بگذار ز پیشم بروند
لحظه هایی که یکایک دردند
Invited by: Dr Hamid Moradi
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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August 07, 2023 | 120 | -6 | -4.8% |
October 02, 2022 | 126 | -1 | -0.8% |
July 05, 2022 | 127 | -1 | -0.8% |
May 28, 2022 | 128 | -4 | -3.1% |
April 20, 2022 | 132 | -2 | -1.5% |
March 13, 2022 | 134 | +3 | +2.3% |
December 08, 2021 | 131 | -1 | -0.8% |
September 24, 2021 | 132 | -8 | -5.8% |