अक्खड़,फक्कड़,घुमक्कड़ सनातनी
एक दिन धधको नहीं, तिल-तिल जलो,
नित्य कुछ मिटते हुए बढ़ते चलो।
पूर्णता पर आ चुका जब नाश हो,
जान लो, आराध्य के तुम पास हो।
प्रेम शाश्वत है
निरंतर है..
हाँ है
और हवस भी..
Invited by: Arjun Pandit
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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July 02, 2024 | 137 | +11 | +8.8% |
July 19, 2023 | 126 | +1 | +0.8% |
October 25, 2022 | 125 | -3 | -2.4% |
July 17, 2022 | 128 | +2 | +1.6% |
June 10, 2022 | 126 | -4 | -3.1% |
May 03, 2022 | 130 | -1 | -0.8% |
January 27, 2022 | 131 | +4 | +3.2% |
November 12, 2021 | 127 | -1 | -0.8% |