~ उर्दू का एक अदना शायर ......
मजबूरी ही बाज़ीगर की हिम्मत है
रस्सी पर चलते है ध्यान सँभाले हम।
~मोईन अहमद आज़ाद
दो ही चीज़ें इस धरती में देखने वाली हैं
मिट्टी की सुंदरता देखो और मुझे देखो
~सरवत हुसैन
शौक़ शायरी का है
पड़ता हु सुनता हु
लिखता हु कभी कभी
हिंदी उर्दू दोनो से लगाव के
अंग्रेजी नी आती भिया 🖐🏽
From-
इंदौर (बड़वानी) मध्यप्रदेश