ना समझ सकोंगी पीड़ा तुम, मैं गरल भरा एक गागर हूँ.. तुम पवित्र नीर की गंगा हो मैं ओछेपन का सागर हूँ..
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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July 24, 2023 | 10 | +1 | +11.2% |
July 17, 2022 | 9 | +1 | +12.5% |