आ ही जाता है तसव्वुर तेरा जब जब मुझको,
साथ दिख जाए हैं गुल-ओ-ख़ार, यादश-ब-खैर।
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रौशनी तो है, धमाका भी इसी के पास है,
और इस दुनिया में 'आतिश' सा बना कुछ भी नहीं।
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इश्क़ में कितनी पागल है वो बुद्धू सी लड़की देखो तो
जो गिला करो तो हँसती है तारीफ़ों पे रो देती है
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कारण तेरे जाने का सबको बोलो क्या बतलाऊँ मैं,
नम आंखें और लंबी आहों से कब तक काम चलाऊँ मैं ।
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कारण तेरे जाने का सबको बोलो क्या बतलाऊँ मैं
नम आंखें और लंबी आहों से कब तक काम चलाऊँ मैं
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ये मोहब्बत है असीरी न समझ ऐ दोस्त
एक दिन तेरे मकाँ से उड़ भी सकता हूँ
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तुम उपज हो कंटक के सो जहर ही बो दो
हम सुमन के भवरें हैं सो ग़ज़ल कहते हैं
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मुझे मालूम है कल ये कहेंगे यार है आतिश
यही वो लोग हैं कि आज जिनका मैं नहीं हूँ
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अदब भी हो ,अना भी हो,नही मुमकिन जो कहतें हैं
अभी उसने है आतिश नाम का लड़का नही देखा
😍🥰🤩
Invited by: Pranshu Singh
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July 29, 2022 | 68 | -2 | -2.9% |
June 22, 2022 | 70 | +8 | +13.0% |
May 15, 2022 | 62 | +11 | +21.6% |
April 07, 2022 | 51 | +6 | +13.4% |
January 02, 2022 | 45 | +1 | +2.3% |
October 17, 2021 | 44 | +2 | +4.8% |
September 10, 2021 | 42 | +26 | +162.5% |