सबसे दूर खुद के नजदीक! . शायर जैसा लहजा नही, लेखक जैसी कलम कहाँ? मुहब्बत ने मुझे सँवारा नहीं, मुझ - सा कोई फकीर कहाँ? . इंतज़ार मेरी मुहब्बत! #फ़क़ीर