Writer And learner...🌠
Khud kee talash mein hoon ...
Miloon to bataun kuchh...
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हैं बहुत फ़न और भी तुम उसमें जा माहिर बनो
रूह छूने का सलीका आये तो .......शाइर बनो
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तन्हाइयों के मंज़र ऐसे पसर गए
टकराके ख़ुद से देखिये हम ख़ुद ही डर गए
देखा जो झाँक आइने में एक रोज़ तो
आँखों के ख़ाली बर्तन बिन बात भर गए
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मन और तन बदन से है बीमार आदमी
ख़ुद ही शिकार ख़ुद ही है आज़ार आदमी
क़ुदरत ने बख़्श दी, बिना सोचे ही नेमतें
कुल्फ़त-ज़हर -उकूबती है ख़ार आदमी
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ये सफ़हे ज़िंदगी के बस भाव खा रहे हैं
जब नींद टूटती है......तब ख़्वाब आ रहे हैं
कोड़े जो हसरतों के बरसे है मन- बदन पर
देते नहीं निशां..... लेकिन घाव ला रहे हैं
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Day | Followers | Gain | % Gain |
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October 30, 2023 | 639 | +1 | +0.2% |
October 13, 2022 | 638 | -1 | -0.2% |
August 17, 2022 | 639 | -7 | -1.1% |
June 04, 2022 | 646 | -30 | -4.5% |
April 27, 2022 | 676 | +1 | +0.2% |
March 20, 2022 | 675 | -6 | -0.9% |
January 21, 2022 | 681 | +11 | +1.7% |
December 15, 2021 | 670 | +22 | +3.4% |