हरि ओम नारायण।
ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।
उद्यमेन ही सिध्यंति कार्याणि ना मनोरथ है नहीं सुप्तस्य सिंहस्य प्रवेश करत मुखे मृगा ।
आत्मा शरीर में एक समय तक रहेगी एक समय आने पर इस आत्मा को मनुष्य चोला छोड़ना ही है और उसका मेल हरी से किसी ना किसी दिन होना ही है तो बुरे कर्म ना करके अच्छे कर्मों की तरफ ध्यान देकर परमात्मा में लीन होकर भक्ति भाव से निष्काम भाव से हर कार्य करें उससे जिंदगी में शांति प्रेम और प्यार जरूर मिलेगा और बुरे कर्म ना करते हुए अच्छे कर्मों की तरफ ध्यान देकर प्रभु में लीन रहे।
सकारात्मक और नकारात्मक के बीच में ना जूझते रहे ना किसी को जूझने दें
सकारात्मक सोच का प्रवाह होने दे जिससे आपकी अंतरात्मा मि शक्ति प्रवाह सकारात्मक हो जाए।
Day | Members | Gain | % Gain |
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June 24, 2024 | 113 | 0 | 0.0% |
March 19, 2024 | 113 | 0 | 0.0% |
January 29, 2024 | 113 | 0 | 0.0% |
December 15, 2023 | 113 | 0 | 0.0% |
November 05, 2023 | 113 | 0 | 0.0% |
October 06, 2023 | 113 | +1 | +0.9% |
September 06, 2023 | 112 | 0 | 0.0% |
August 09, 2023 | 112 | 0 | 0.0% |
July 07, 2023 | 112 | 0 | 0.0% |
June 15, 2023 | 112 | -2 | -1.8% |
March 15, 2023 | 114 | 0 | 0.0% |
December 27, 2022 | 114 | +1 | +0.9% |
July 18, 2022 | 113 | -9 | -7.4% |
March 10, 2022 | 122 | -9 | -6.9% |
November 22, 2021 | 131 | +3 | +2.4% |
November 19, 2021 | 128 | +61 | +91.1% |