औकात बनाएर आईजा on Clubhouse

औकात बनाएर आईजा Clubhouse
102 Members
Updated: Jun 23, 2024

Description

😍Anish😍
ॐ हर हर महादेव
आग बहे तेरी रग में
तुझसा कहाँ कोई जग में
है वक़्त का तू ही तो पहला पहर
तू आँख जो खोले तो ढाए कहर
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर
आदि ना अंत है उसका
वो सबका ना इनका उनका
वही है माला वही है मनका
मस्त मलंग वो अपनी धुन का
जंतर मंतर तंतर जागी
है सर्वत्र के स्वाभिमानी
मृत्युंजय है महा विनाशी
ओमकार है इसी की वाणी
इसी की इसी की इसी की वाणी
इसी की इसी की इसी की वाणी
भांग धतुरा बेल का पत्ता
तीनो लोक इसी की सत्ता
विष पीकर भी अडिग अमर है
महादेव हर हर है जपता (जपता)
वही शून्य है वही इकाय
वही शून्य है वही इकाय
वही शून्य है वही इकाय
जिसके भीतर बसा शिवाय (बसा शिवाय)
तो बोलो हर हर हर
तो बोलो हर हर हर (हो हो)
अघोरानाम परो मंत्रो नास्ति तत्वों गुरु परम
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय
शिव रक्ष्यामम शिव पाहिमाम
शिव त्राहिमाम शिव रक्ष्यामम
शिव पाहिमाम शिव पाहिमाम
महादेव जी पाहिमाम शरणागतम्
तवं त्राहिमाम रक्ष्यामम
शिव पाहिमाम शिव
आँख मूँद कर देख रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव महा एकाकी
जिसके लिए जगत है झांकी
जटा में गंगा चाँद मुकुट है
सौम्‍य कभी कभी बड़ा विकट है
आग से जन्‍मा है कैलाशी
शक्ति जिसकी दरस की प्यासी
है प्यासी हाँ प्यासी
राम भी उसका रावन उसका
जीवन उसका मरण भी उसका
तांडव है और ध्यान भी वो है
अज्ञानी का ज्ञान भी वो है
आँख तीसरी जब ये खोले
हिले धरा और स्वर्ग भी डोले
गूँज उठे हर दिशा क्षितिज में
नांद उसी का बम बम भोले (बम बम भोले)
वही शून्य है वही इकाय
वही शून्य है वही इकाय
वही शून्य है वही इकाय
जिसके भीतर बसा शिवाय
तू ही शिवा तुझमे ईश्वर
कोई नही यहाँ तेरे सिवा
उड़ा राख अग्नि को ज्वाला तू कर
मिटा दे अंधेरे तू बन के सहर
तो बोलो हर हर हर
जा जा कैलाश जा कर विनाश (हर हर हर)
जा जा कैलाश जा कर विनाश
जा जा कैलाश जा कर विनाश
जा जा कैलाश जा कर विनाश (तो बोलो हर हर हर)
जा जा कैलाश जा कर विनाश
जा जा कैलाश जा कर विनाश
जा जा कैलाश जा कर विनाश
जा जा कैलाश जा कर विनाश (तो बोलो हर हर हर)
आँख मूँद कर देख रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव महा एकाकी
जिसके लिए जगत है झांकी (तो बोलो हर हर हर)
जटा में गंगा चाँद मुकुट है
सोम्य कभी कभी बड़ा विकट है
आग से जलना है कैलाशी
शक्ति जिसकी दर्द की प्यासी (तो बोलो हर हर हर)
यक्ष स्वरूपाया जट्टा धराय
पिनाका हस्थाथाया सनातनाय
दिव्याया देवाया दिगम्बराय
तस्मै यकाराय नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय हर हर भोले नमः शिवाय ॐ
ॐ नमः शिवाय हर हर भोले नमः शिवाय ॐ
रामेश्वराय शिव रामेश्वराय
हर हर भोले नमः शिवाय
गंगा धाराय शिव गंगा धाराय शिव
हर हर भोले नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय हर हर भोले नमः शिवाय ॐ
ॐ नमः शिवाय हर हर भोले नमः शिवाय ॐ
जटा धाराय शिव जटा धाराय
हर हर भोले नमः शिवाय
सोमेश्वराय शिव सोमेश्वराय
हर हर भोले नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय हर हर भोले नमः शिवाय ॐ
ॐ नमः शिवाय ह

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June 23, 2024 102 0 0.0%
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December 15, 2023 101 0 0.0%
November 05, 2023 101 0 0.0%
October 05, 2023 101 0 0.0%
September 06, 2023 101 -1 -1.0%
August 08, 2023 102 0 0.0%
July 07, 2023 102 0 0.0%
June 15, 2023 102 -3 -2.9%
March 15, 2023 105 0 0.0%
January 27, 2023 105 -1 -1.0%
December 23, 2022 106 -1 -1.0%
November 24, 2022 107 -1 -1.0%
September 30, 2022 108 -1 -1.0%
September 24, 2022 109 +1 +1.0%
September 18, 2022 108 +1 +1.0%
September 02, 2022 107 -3 -2.8%
August 13, 2022 110 +1 +1.0%
August 07, 2022 109 +1 +1.0%
July 31, 2022 108 -1 -1.0%
July 25, 2022 109 +1 +1.0%
July 05, 2022 108 +1 +1.0%
June 22, 2022 107 +2 +2.0%
June 16, 2022 105 -3 -2.8%
June 02, 2022 108 -1 -1.0%
May 27, 2022 109 +1 +1.0%
May 20, 2022 108 +1 +1.0%
May 13, 2022 107 -2 -1.9%
May 07, 2022 109 +2 +1.9%

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