जौन फ़लसफ़ा on Clubhouse

जौन फ़लसफ़ा Clubhouse
160 Members
Updated: Jun 27, 2024

Description

हम क्यों जन्मे हैं ?
बस इसी सवाल के जवाब में हम जिंदगी बिताते हैं, कोई जवाब ढूंढता है , कोई बिना ढूँढे मस्त रहता है!
न जानने में बेहोशी है, और सब जानने में सुकून !! इसी सुकून में दरवेश जीते हैं और बाक़ी लोगों की मौत के करीब जाकर बेहोशी टूटती है और जानते हैं कि हम क्या थे ....क्यों थे!!! 
कालिदास से लेकर रवीन्द्रनाथ टैगोर तक , महात्मा बुद्ध से लेकर ओशो तक आर्यभट्ट से लेकर ए पी जे कलाम तक ऐसी महान व्यक्तित्व हुऐ जो पहले ही जान गए, और यही सबसे बड़ा कर्ब है! इंसानी हालत में होकर ख़ुद को जान लेना कर्ब ही तो है। जौन भी इसी कर्ब में रहे और तड़पते रहे!

पस-ए-पर्दा कोई न था फिर भी
एक पर्दा खिंचा रहा मुझ में!!

सैयद सिब्त ए असग़र नक़वी , पूरा नाम और 'जौन एलिया' ख़ुद ही ख़ुद का नामकरण किया हुआ। 'जौन' हालिया दौर के बेहद मक़बूल शायर, 14 दिसम्बर 1931 में, शहर ए अमरोहा (आम और रुई के लिए मशहूर) उत्तर प्रदेश में जन्में । बचपन से ही हस्सास तबियत लिए, जौन इल्मी ओ अदबी माहौल में बड़े हुए। जौन को 6 भाषाओं का इल्म हासिल था ऊर्दू , अरबी, फ़ारसी , हिब्रू , संस्कृत और अंग्रेज़ी। 1947 में विभाजन के बाद जौन पाकिस्तान शिफ़्ट होने वाले अपने ख़ानदान के आख़िरी शख़्स थे । वे 1956 में कराची में अपने भाइयों के पास जाकर रहने लगे । वहाँ उन्होंने उर्दू आलमी डाइजेस्ट शुरू की कई रिसालों और मैगज़ीन वग़ैरह की इदारत भी की। उन्हें पाकिस्तान लुग़द कमेटी का चैयरमैन भी बनाया गया और ये सब उन्हें जवानी ही में हासिल हो गया लेकिन उनकी मंज़िल शायरी थी ।

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June 27, 2024 160 0 0.0%
March 21, 2024 160 -1 -0.7%
January 31, 2024 161 0 0.0%
December 17, 2023 161 0 0.0%
November 07, 2023 161 -1 -0.7%
October 07, 2023 162 0 0.0%
September 07, 2023 162 +4 +2.6%
August 10, 2023 158 +2 +1.3%
July 08, 2023 156 +1 +0.7%
June 16, 2023 155 +3 +2.0%
March 16, 2023 152 0 0.0%
January 08, 2023 152 +1 +0.7%
June 22, 2022 151 +1 +0.7%
May 07, 2022 150 +1 +0.7%
March 18, 2022 149 +1 +0.7%
March 11, 2022 148 +3 +2.1%
November 23, 2021 145 +1 +0.7%
November 16, 2021 144 +2 +1.5%

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